electronegativity periodic table 2024 Right Now.किसी के अणु के परमाणु द्वारा इलेक्ट्रानो को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता का विधुत ऋणता (electronegegativity) कहते हैं |
electronegativity periodic table 2024 Right Now
इलेक्ट्रान को आकर्षित करने की परमाणु की क्षमता तीन फैक्टर पर depend करती हैं |
- Nucleus पर charge
- Nucleus से outer electron की दूरी
- Nucleus तथा outer shell में मध्य स्थित कोशों द्वारा Nucleus के shilding effect की मात्रा
effective Nuclear charge Nucleus का वह charge हैं जो shilding effect के समान अन्य कारक द्वारा भी मान्य होता हैं |जितना अधिक Nuclear charge होगा उतनी ही अधिक एटम की इलेक्ट्रानो को आकर्षित करने की क्षमता होगी तथा उतनी ही अधिक विधुत ऋणता होती हैं |
electronegativity periodic table 2024 Right Now
Nucleus तथा outer shell में मध्य की दूरी परमाण्विय त्रिज्या,effective Nuclear charge द्वारा प्रभावित होती हैं |इस प्रकार से परमाण्विय त्रिज्या विधुत ऋणता को नियंत्रित करती हैं तथा जितनी कम परमाण्विय त्रिज्या होती हैं उतनी ही अधिक विधुत ऋणता होती हैं |
विधुत ऋणता का यह संख्यात्मक मान,आयनन उर्जा तथा इलेक्ट्रान बंधुता पर निर्भर करता हैं |उच्च आयनन उर्जा तथा इलेक्ट्रान बंधुता दोंनो यह दर्शाते हैं कि विधुत ऋणता भी उच्च होती हैं क्योंकि जब आयनन विभव अधिक होता हैं तो इलेक्ट्रान को त्यागना बहुत कठिन होता हैं जिससे इलेक्ट्रान के लिए अधिक आकर्षण हो जायेगा तथा इलेक्ट्रान बंधुता भी बढ़ जाएगी|
वे तत्व जिनका आयनन विभव कम होता हैं वे सरलता से इलेक्ट्रान को त्याग सकते हैं अर्थात ये प्रबल धन विद्युती होते हैं |अत:क्षारीय धातुएं प्रबल धन विद्युती होती हैं क्योंकि उनका आयनन विभव कम होता हैं |
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अधातुये(nonmetals) कम धन विद्युती होती हैं क्योंकि वे शीघ्रता से इलेक्ट्रानो को नही त्यागती तथा उनका आयनन विभव उच्च होता हैं |अधातुये भी ऋण विद्युती होती हैं क्योंकि उनमे इलेक्ट्रान को ग्रहण करने की क्षमता होती हैं तथा वे एक इलेक्ट्रान ग्रहण करके स्थायी विन्यास s2 p6 प्राप्त कर लेती हैं|
Mulliken
के अनुसार किसी एक संयोजी परमाणु के पैमाने,परमाणु की विद्युत ऋणता, उसके आयनन विभव तथा इलेक्ट्रान बंधुता के औसत के तुल्य होती हैं | इस प्रकार
विद्युत ऋणता = आयनन विभव + इलेक्ट्रान बंधुता/2
यह विधि बहु सयोंजी परमाणुओं के लिए मान्य नहीं हैं |
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Pauling
ने प्रयोगात्मक रूप से बंधों की उर्जाओं के मान ज्ञात किये |सह्सयोजी बंध X-Y (Ex-y) की उर्जा X-X तथा Y-Y अणुओ की बंध उर्जाओ के औसत के लगभग तुल्य होती हैं| इस प्रकार से
Ex-y = EA -A + E B-B/2
किन्तु प्रयोगात्मक मान अर्थात (Ex-y), इस मान से अधिक निकलता हैं| इन मानों का अंतर डेल्टा E(अर्थात डेल्टा E = (E’x -y – Ex -y),सह संयोजी बंधो की पोलेरिटी को प्रदर्शित करता हैं|
इसका मान (किलो जूल/ मोल )में होता हैं तथा X,Y परमाणुओं की विद्युत रासायनिक प्रवति पर निर्भर करता हैं| पालिंग के अनुसार Ax-Ay=0.208 √डेल्टा E
विधुत ऋणता में आवर्ती
क्योंकि VII समूह के तत्वों का आयनन विभव तथा इलेक्ट्रान बंधुता,I समूह के तत्वों से अधिक होती हैं इसलिए VII समूह के तत्वों की विधुत ऋणता भी इनसे अधिक होगी| प्राय: किसी समूह में उपर से नीचे की ओर विधुत ऋणता घटती हैं क्योंकि परमाण्विय त्रिज्या बढती हैं जिससे इलेक्ट्रानो के लिए Nucleus का आकर्षण कम हो जाता हैं |
किसी आवर्त में लेफ्ट तो राईट जाने पर विधुत ऋणता बढती हैं क्योंकि परमाणु काआकार छोटा हो जाता हैं जिससे इलेक्ट्रानो के लिए आकर्षण बढ़ जाता हैं,इस प्रकार से विधुत ऋणता भी बढ़ जाती हैं |