pauli exclusion principle define 100% Great.“किसी परमाणु के इलेक्ट्रोनों में क्वान्टम संख्याओं का वितरण पाउली के अपवर्जन सिद्धान्त द्वारा प्रतिबन्धित (Restricted) कर दिया गया था जिसके अनुसार ” किसी परमाणु में दो इलेक्ट्रोनों की सभी क्वान्टम संख्यायें एक समान नहीं हो सकती।”
pauli exclusion principle defines 100% great
पाउली का अपवर्जन सिद्धान्त (PAULI’S EXCLUSION PRINCIPLE)
विपरीत चक्रण वाले कोई भी दो इलेक्ट्रॉन एक ही परमाणु कक्षक में नहीं रह सकते। चक्रण युग्मी (Paird) कहलाते हैं। इस प्रकार से एक से एक ही परमाणु में किन्हीं दो इलेक्ट्रॉनों की 3 क्वान्टम संख्यायें तो समान हो सकती हैं किन्तु चौथी संख्या निश्चित रूप से भिन्न होगी। उदाहरणार्थ किसी भी कक्षक में दो इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं किन्तु उनके चक्रण विपरीत होने चाहिये । H तथा He के परमाणु की क्वान्टम निम्न प्रकार से होगी |
ऐसे इलेक्ट्रॉनों की सम्भावना जिनके कक्षकों के समान आकार, साइज तथा अभिविन्यास होते हैं, को व्यक्त करने के लिये इलेक्ट्रॉनों में विपरीत चक्रण का होना आवश्यक है। उदाहरणार्थ K कोश के लिये (n = 1), l= 0 तथा m = 0 है। परन्तु s + 1/2 या – 1/2 हो सकता है।
अतः K-कोश (K-Shell) के लिये विभिन्न क्वान्टम संख्याएँ निम्न प्रकार से होंगी।
दूसरे शब्दों में K कोश में केवल एक उपकोश होती है (l = 0) तथा इसमें केवल तो इलेक्टॉन रह सकते हैं जिनके चक्रण विपरीत होते हैं। L कोश (n = 2) के लिये । के दो मान हो सकते हैं l=0 तथा 1-1 तथा m के तीन मान हो सकते हैं (m-1, 0, + 1) तथा s के दो मान हो सकते हैं (+1/2, -1/2)। अतः निम्न आठ सम्भावनायें हो सकती हैं। हैं
इससे यह प्रदर्शित होता है कि L कोश में आठ इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं। (s-उपकोश) अथवा l = 0 में दो तथा (p-उपकोश) अथवा l=1 में छ: इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं। इसी प्रकार से यह भी प्रदर्शित किया जा सकता है कि M-कोश में 18 इलेक्ट्रॉन रह सकते है (दो s-उपकोश में, छः p-उपकोश में तथा दस d उपकोश में)।
हमें यह ध्यान रखना चाहिये कि उपकोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा समान होती है किन्तु विभिन्न उपकोश जो मुख्य उपकोश से सम्बन्धित होते हैं, विभिन्न ऊर्जा स्तरों पर होते हैं।
उदाहरणार्थ-तीन उपकोश 3s, 3p तथा 3d एक ही M कोश से सम्बन्धित होते हैं जिसके लिये (n = 3) होता है। किन्तु ये ऊर्जा के विभिन्न स्तरों पर उपस्थित होते हैं। 3d, 3p की अपेक्षा ऊँचे स्तर पर उपस्थित होती हैं। जबकि 3p, 3s की अपेक्षा ऊँचे स्तर पर उपस्थित होती है।
हमें यह भी ध्यान रखना चाहिये कि मुख्य स्तर में उपस्थित उपस्तरों की संख्या, 1 स्तर की मुख्य क्वान्टम संख्या के साँख्यक रूप के तुल्य होती है।
किसी कक्ष में कक्षकों की संख्या n2 द्वारा दर्शायी जाती है अथवा किसी ऊर्जा (Energy Level) के लिए कुलों कक्षकों (Orbitals) की संख्या n2 के तुल्य होती है।
इलेक्ट्रॉनों की वह अधिकतम संख्या जो की मुख्य स्तर (Main Level)द्वारा ग्रहण की जा सकती है, स्तर में उपस्थित कक्षकों की संख्या से दोगुनी होती है।
- इलेक्ट्रोन चक्रण (Electron Spin) से सम्बन्धित चुम्बकीय आघूर्ण (Magnetic Moment) तथा इलेक्ट्रॉन के कक्षक कोणीय संवेग (Orbital Angular Momentum) के कारण सभी पदार्थों में कुछ चुम्बकीय गुण पाये जाते हैं।
- ऐसे पदार्थ जिनमें सभी इलेक्ट्रोन चक्रण युग्मी होते हैं, वाहा चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा प्रतिआकर्षित (Repelled) होते हैं। ऐसे पदार्थों को प्रतिचुम्बकीय (Diamagnetic) पदार्थ कहते हैं।
- ऐसे पदार्थ जिनमें एक या एक से अधिक इलेक्ट्रोन में अयुग्मी चक्रण (Unpaired Spins) होता है, चुम्बकीय क्षेत्र से अधिक आकर्षित होते हैं। इन पदार्थों को अनुचुम्ब्कीय पदार्थ (Paramagnetic) कहते हैं।
- अयुग्मी इलेक्ट्रोनों (Unpaired Electrons) की संख्या जितनी अधिक होती है उतना ही पदार्थ के प्रति मोल के लिये अनचुम्बकतत्व (Paramagnetism) अधिक होगी।